फुलझर क्षेत्र प्राचीनकाल से अपने अनेक विशिष्टताओं के लिए उल्लेखनीय रहा है ! यह वनांचल अपने सहजता और सरलता के साथ ही समृद्ध लोकजीवन के कारण विशिष्ट रहा है !इसी फुलझर अंचल की हृदयस्थली सरायपाली में 21 दिसम्बर 1925 को राजा लाल बहादुर सिंह की पत्नी श्रीमती गायत्री देवी के गर्भ से दो युगल कुमारों का जन्म हुआ, जिनमे कुमार वीरेंद्र बहादुर सिंह बड़े थे आपकी प्रारंभिक शिक्षा राजकुमार कॉलेज रायपुर में सन 1937 से 1944 तक हुई तथा सर जे.जे.स्कूल ऑफ आर्ट्स मुंबई से दो वर्ष का संगीत प्रशिक्षण पाया, जिसमे कुमार गंधर्व के सहपाठी रहे! वे एक कुशल कलाकार, दक्ष चित्रकार एवं फ़ुटबाल के प्रसिद्ध खिलाड़ी रहे! सन 1951 में राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह का राज तिलक हुआ !