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1. समग्र विकास:
विद्यार्थियों के बौद्धिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास में योगदान देता है।
2. संवाद और नेटवर्किंग के अवसर:
विद्यार्थियों को एक-दूसरे से जुड़ने और सामाजिक कौशल विकसित करने का मौका मिलता है।
3. प्रतियोगी भावना का विकास:
प्रतिस्पर्धात्मक गतिविधियों के माध्यम से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है।
4. प्रबंधन कौशल:
कार्यक्रमों का आयोजन करने से प्रबंधन और नेतृत्व कौशल का विकास होता है।
5. प्रतिभा का मंच:
छिपी हुई प्रतिभाओं को उजागर करने और उनके करियर को एक नई दिशा देने का अवसर मिलता है।
6. सांस्कृतिक विविधता का सम्मान:
विभिन्न संस्कृतियों के प्रति जागरूकता और समावेश की भावना को प्रोत्साहित करता है।